Thursday, 28 August 2008

आज का ग्रीनलैंड तीस लाख साल पहले के ग्रीनलैंड से बहुत अलग है...


Written by Anil Singh
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आज ग्रीनलैंड बर्फ की एक मोटी चादर से ढका है । ३० लाख साल पहले ऐसा नही था । उस समय ग्रीनलैंड वनस्पति से आछ्छादित था । उसकी धरती पर घास थी और जन्गल भी ।
वैज्ञानिकों का मानना है कि वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा का अध्य़यन करने पर ही हम तीस लाख पहले के बर्फ मुक्त ग्रीनलैंड का आज के बर्फ से ढके ग्रीनलैंड में परिवर्तन को समझ सकते हैं ।
वैज्ञानिक अध्य़यनों से पता चला है कि आज से तीस लाख साल पहले ग्रीनलैंड के इर्द़-गिर्द सागर की तली पर तीव्र गति से पत्थर व चट्टानों का जमाव शुरू हुआ । वैज्ञानिक इसका एक मात्र कारण सागर में हिमखन्डों का बनना और उनके द्वारा पत्थर व चट्टानों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना मानते हैं ।
यह इस बात की ओर इशारा करता है कि इसी दौरान ग्रीनलैंड में बर्फ का बनना शुरु हुआ ।
वैज्ञानिकों का मानना है कि वातावरण में कार्बनडाइआक्साइड की मात्रा में आयी कमी इसका मुख्य कारण था । जहां बर्फ मुक्त ग्रीनलैंड के वातावरण में कार्बनडाइआक्साइड की मात्रा बहुत अधिक थी वहीं हिमाछादन्न शुरु होने के समय इसकी मात्रा में कमी आयी । बीते तीस लाख सालों में कार्बनडाइआक्साइड की यह मात्रा निरन्तर घटती रही, फलस्वरूप हमें आज का ग्रीनलैंड मिला जो बर्फ की एक मोटी चादर से ढका है ।

परन्तु बीती शताब्दी में औद्मोगिकरण में आई भारी तेजी ने वातावरण में कार्बनडाइआक्साइड की मात्रा को तेजी से बढ़ाया है ।
यदि वर्तमान समय में ध्रुवों में बर्फ की चादर में आयी कमी और सागरों के बढ़ते हुए जल-स्तर का कारण वातावरण में कार्बनडाईआक्साइड की मात्रा में हुई बढोतरी है,तब यह अध्ययन और भी अधिक प्रासंगिक हो जाता है ।

[स्रोत: यहाँ क्लिक करे]
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10 constructive comments:

  • Unknown says:
    30 August 2008 at 10:25

    nice blog........

  • Anil Singh says:
    30 August 2008 at 11:42

    यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ कि आपको ब्लाग पसंद आया । क्योंकि ब्लाग पर नियमित रूप से लेख प्रकाशित होंगे, जिनके विषय आपकी रुचि को ध्यान में रखते हुए चुने जाएंगे, आप ब्लाग को सब्सक्राइब कर लें, ऐसा करने पर जब भी कोई नया लेख प्रकाशित होगा आपको स्वतः सूचना मिल जाएगी । और अपनी प्रतिक्रिया से हमें अवश्य अवगत कराते रहें । आपके विचार ही हमारे मार्गदर्शक हैं ।
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  • प्रदीप मानोरिया says:
    30 August 2008 at 19:12

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  • Anil Singh says:
    31 August 2008 at 00:43

    thank you Pradeep, your words are a source of happiness; I'll visit your blogs :)

  • प्रदीप मानोरिया says:
    3 September 2008 at 09:26

    sure anil jee we can do blog exchange tell me more how it can be done

  • Anonymous says:
    5 May 2012 at 20:11

    खैर, वह यह है कि अपने ब्लॉग पर मेरी पहली बाहर की जाँच! हम स्वयंसेवकों के एक समूह रहे हैं और सटीक एक ही जगह में एक क्षेत्रीय समुदाय में ब्रांड नई पहल शुरू. आपके ब्लॉग में हमें बहुमूल्य जानकारी पर काम की आपूर्ति की. तुम एक अद्भुत काम किया है!

  • Anonymous says:
    5 May 2012 at 21:50

    सही डिजाइन धन्यवाद

  • Anonymous says:
    6 May 2012 at 02:10

    शुभ दिन! इस पोस्ट में किसी भी बेहतर नहीं लिखा जा सकता है! इस पोस्ट पढ़ना मुझे मेरे अच्छे पुराने कमरे दोस्त की याद दिलाता है है! वह हमेशा इस बारे में बातें कर रखा है. मैं इस उसे लिखने के आगे होगा. काफी कुछ है, वह एक अच्छा पढ़ा होगा. साझा करने के लिए बहुत धन्यवाद!

  • Anonymous says:
    6 May 2012 at 03:44

    अच्छी तरह से पढ़ने लायक. मैं इसे बहुत जानकारीपूर्ण पाया के रूप में मैं व्यावहारिक जैसे तुम्हारे बारे में बात मामलों पर हाल ही में एक बहुत शोध किया गया है ...

  • Anonymous says:
    13 May 2012 at 14:35

    कुछ वाकई दिलचस्प जानकारी आप मुझे एक बहुत written.Aided है, बस मैं क्या खोज रहा था: डी.